इंदौर

सतपुड़ा की ऊंची पहाड़ी पर शिखरधाम में लगा मेला

 बड़वानी

नागपंचमी मंगलवार को है। इस दिन निमाड़ के प्रसिद्ध नागलवाड़ी शिखरधाम स्थित भीलट देव मंदिर में लाखों भक्त दर्शन करने पहुंचते हैं। कोरोना के कारण दो साल बाद यहां मेले का आयोजन हो रहा है। मंदिर के पुजारी राजेंद्र बाबा ने बताया कि इस साल 40 घंटे तक शिखर धाम मंदिर के पट खुले रहेंगे। 1 अगस्त सुबह 6 बजे से 2 अगस्त की रात 10 बजे तक मंदिर के पट खुले रहेंगे। इस दौरान भोजनशाला बंद रहेगी। मंदिर समिति के हीरालाल सोलंकी ने बताया कि मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए 500 वालंटियर और करीब 500 पुलिसकर्मी जगह- जगह तैनात रहेंगे। मेले के दौरान 8 से 9 लाख श्रद्धालुओं के शिखरधाम आने की संभावना है।

करीब 10 साल बाद नागपंचमी का पर्व मंगलवार को आ रहा है। इसलिए इस बार यह मेला खास रहेगा। सतपुड़ा की सबसे ऊंची पहाड़ी पर स्थित यह मंदिर करीब 860 वर्ष पुराना है। यह मेला वर्षों से लग रहा है। कुछ वर्षों से मेले का स्वरूप बड़ा हो गया है। करीब दो साल के कोरोनाकाल के बाद लग रहे इस ऐतिहासिक मेले में मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़ सहित अन्य प्रदेशों से श्रद्धालु दर्शन करने आएंगे। नागपंचमी पर इस बार करीब छह लाख श्रद्धालुओं के आने की संभावना है।

चमत्कारी है यह मंदिर, लाखों भक्तों की आस्था का प्रतीक

नागलवाड़ी शिखरधाम भीलटदेव मंदिर समिति के अध्यक्ष दिनेश यादव ने बताया कि समुद्री तल से इस मंदिर की पहाड़ी की ऊंचाई करीब 2200 फीट पर है। सतपुड़ा की सबसे ऊंची पहाड़ी पर सुंदर प्राकृतिक वातावरण में यह मंदिर स्थित है। वर्ष 2015 में इस मंदिर का जीर्णोद्वार हुआ है। नवीन मंदिर ऐतिहासिक और सुंदर है। यह मंदिर लाखों भक्तों की आस्था का प्रतीक है। भक्तों की मनोकामना पूर्ण करने वाले नागलवाड़ी भीलटदेव के दर्शन-पूजन के लिए देशभर से यहां पर श्रद्धालु आते हैं।

2000 सेवादार देंगे सेवाएं

इस ऐतिहासिक मेले में विभिन्ना गांवों के करीब 2000 सेवादार विविध सेवाएं देंगे। तीन अगस्त तक लगने वाले इस पांच दिवसीय नागपंचमी मेले का विशेष दिन दो अगस्त रहेगा। इस दिन भारी भीड़ उमड़ेगी। मंदिर समिति द्वारा बताया गया कि प्रति 10 वर्ष में नागपंचमी मुख्य दिवस आता है, जिसका संयोग नागपंचमी मंगलवार को बन रहा है।

संतान सुख के लिए पहुंचते हैं दंपती

पौराणिक कथा के अनुसार बाबा भीलट देव का विवाह बंगाल की राजकुमारी राजल के साथ हुआ था। उन्होंने अपनी शक्तियों से जनमानस की सेवा के लिए ग्राम नागलवाडी को चुना। साथ ही अपनी तपस्या के लिए समीप ही सतपुड़ा की ऊंची पहाड़ी के शिखर को चुना। संतान के सुख से वंचित दंपती यहां बड़ी संख्या में पहुंचते हैं। बाबा भीलट देव ने बचपन में ही अपनी चमत्कारिक लीलाओं से परिवार व ग्रामवासियों को आश्चचर्यचकित कर दिया था।

आइजी ने किया दौरा

इंदौर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक राकेश गुप्ता ने गुरुवार को शिखरधाम नागलवाड़ी का दौरा किया। इसके बाद यहां पर विविध व्यवस्थाएं दुरुस्त की जा रही हैं।

यह रहेगी व्यवस्था

शिखरधाम व नीचे दो प्रशासनिक कंट्रोल रूम रहेंगे। चार एंबुलेस व फायर ब्रिग्रेड की व्यवस्था रहेगी। ड्रोन कैमरे से निगरानी की जाएगी। नागलवाड़ी से मेला पार्किंग तक 50 बसें पैदल यात्रियों आवागमन सुविधा देंगी। पुलिस बल की पर्याप्त व्यवस्था रहेगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *