इंदौर

धार में कारम बांध टूटने का खतरा आपदा प्रबंधन कार्य जारी,18 गांव कराए खाली

धार
धार जिला मुख्यालय से करीब 35 किलोमीटर दूर कारम नदी पर बन रहे एक बांध की दीवार से पिछले दो दिनों से जारी पानी के रिसाव एवं मिट्टी गिरने से बांध के टूटने का खतरा पैदा होने की आशंका के मद्देनजर आपदा प्रबंधन के लिए सेना एवं राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीमें शनिवार को मौके पर पहुंच गयीं।
    
इसके अलावा, वायुसेना के दो हेलीकॉप्टरों को भी तैयार रखा गया है (स्टैंड बाई पर), ताकि जरूरत पड़ने पर उन्हें तुरंत लोगों के बचाव में भेजा जा सके। घटना की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने बांध के निचले क्षेत्र में बसे 18 गांवों को शुक्रवार को ऐहतियातन खाली कराके लोगों को सुरक्षित स्थानों पर राहत शिविरों में भेज दिया है।
    
धार जिले की धर्मपुरी तहसील में कारम मध्यम सिंचाई परियोजना के तहत निर्माणाधीन इस बांध में लबालब पानी भरा हुआ है। हालांकि, प्रशासन और जल संसाधन विभाग ने रिसाव रोकने के लिए बृहस्पतिवार से ही कार्रवाई शुरू कर दी थी।
    
मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने बांध के काम की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पर 304 करोड़ रुपये की इस परियोजना में भ्रष्टाचार होने का आरोप लगाया।
    
वहीं, मौके पर पहुंचकर स्थिति की निगरानी कर रहे मध्य प्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने कहा, ''इस बांध में स्थिति पूर्णतया नियंत्रण में है। बांध में एक किनारे से सुरक्षित तरीके से पानी की निकासी की जा रही है ताकि बांध की दीवारों पर पानी का दबाव कम किया जा सके।''
    
उन्होंने कहा, ''यहां आपदा प्रबंधन के लिए सेना की इकाई भी पहुंच चुकी है और एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ दल भी काम प्रारंभ कर चुका है।'' सिलावट ने बताया कि बांध के निचले हिस्से के गांवों को सुरक्षित तरीके से खाली करा लिया गया है। संभागायुक्त डॉ. पवन शर्मा ने खरगोन के जिलाधिकारी कुमार पुरषोत्तम एवं अन्य अधिकारियों के साथ तड़के चार बजे तक प्रभावित गांवों में घर-घर जाकर इस कार्य को सुनिश्चित कराया।
    
उन्होंने बताया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बांध से जुड़ी हर बात पर नजर रखे हुए हैं और संबंधित अधिकारियों के लगातार संपर्क में हैं। वहीं, सिलावट ने सभी ग्रामवासियों को आश्वासन दिया कि सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी भी प्रकार के जान-माल का नुकसान ना हो।
    
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि यह बांध 304 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा है, जिसमें से अब तक 174 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। अधिकारियों ने बताया, ''इंजीनियरों समेत सेना के करीब 200 जवान आज धार पहुंच गए हैं। इनके अलावा, भोपाल और गुजरात के वडोदरा एवं सूरत से एनडीआरएफ की तीन टीमें भी बचाव सामग्री के साथ यहां पहुंच चुकी हैं। हर टीम में करीब 30 से 35 सदस्य हैं। उनके अलावा, राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के आठ दल भी यहां काम कर रहे हैं।''
    
मध्य प्रदेश गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा ने बताया, ''धार जिले की धर्मपुरी तहसील में कारम मध्यम सिंचाई परियोजना के बांध के 'डाउन स्ट्रीम' की दीवार की मिट्टी स्लिप हो जाने से बांध के लिए शुक्रवार सुबह खतरे की स्थिति पैदा हो गई। इस बांध की लम्बाई 590 मीटर और ऊंचाई 52 मीटर है तथा वर्तमान में 1.5 करोड़ घर मीटर (एमसीएम) पानी इस बांध में संचित है।''
     उन्होंने कहा कि ऐहतियातन धार जिले के 12 गांव और खरगोन जिले के छह गांवों को खाली कराके सुरक्षित स्थानों पर राहत शिविरों में भेज दिया गया है।
    
धार के जिलाधिकारी डॉ. पंकज जैन ने बताया कि इस बांध में पहली बार पानी भरा गया है। उन्होंने कहा, ''बृहस्पतिवार को पूर्वाह्न एक बजे सूचना मिली थी कि बांध से पानी का रिसाव हो रहा है। जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को बुलाया गया है और इस रिसाव को रोकने का प्रयास किया जा रहा है।''
    
जैन ने बताया, ''शुक्रवार सुबह से इस बांध से पानी का रिसाव बढ़ गया है और बांध की सुरक्षा को लेकर खतरा पैदा हो गया है।'' उन्होंने कहा, ''हम सभी संभावित उपाय कर रहे हैं और स्थिति पर बारीकी से नजर रखे हुए हैं।''
    
धार के मनावर विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले कांग्रेस विधायक डॉ. हीरालाल अलावा ने 'पीटीआई-भाषा' से बातचीत में आरोप लगाया कि पैसा कमाने के लिए 304 करोड़ रुपये के बांध की कमजोर नींव रखी गई और इससे पानी का रिसाव हुआ है।
    
उन्होंने कहा, ''कमजोर नींव पानी के दबाव का सामना नहीं कर सकी। रिसाव से बांध निर्माण में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार की बू आती है, जिसने डाउनस्ट्रीम में रहने वाले 26,000 से अधिक लोगों के जीवन को खतरे में डाल दिया है।''

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