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कोरोना के Omicron से पीड़ित मरीजों के लिए आई खास वैक्सीन, जानें इसमें क्या कुछ अलग है?

नई दिल्ली
दुनियाभर में कोरोना के मामलों में एक बार फिर उछाल आने लगा है. इस बीच ब्रिटेन ने अमेरिकी फार्मा कंपनी मॉडर्ना की अपडेटेड वैक्सीन के इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है. दावा है कि ये अपडेटेड वैक्सीन ओमिक्रॉन पर भी असरदार है. ब्रिटेन पहला देश बन गया है जिसने मॉडर्ना की अपडेटेड कोविड वैक्सीन को मंजूरी दी है.

एक्सपर्ट पहले ही चेता चुके थे कि कोरोना की वैक्सीन को समय-समय पर अपडेट करने की जरूरत पड़ेगी. ऐसा इसलिए क्योंकि समय के साथ इम्युनिटी भी कमजोर होने लगती है और संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है.

इसे ध्यान में रखते हुए मॉडर्ना ने ये वैक्सीन तैयार की है. मॉडर्ना का दावा है कि उनकी वैक्सीन ओमिक्रॉन के सब-वैरिएंट BA.1 के साथ-साथ कोरोना के मूल स्ट्रेन के खिलाफ भी असरदार है. कोरोना का मूल स्ट्रेन यानी जो वायरस 2020 में फैला था. 2020 में वायरस फैलने के बाद इसके अलग-अलग वैरिएंट्स सामने आ चुके हैं. लिहाजा इन वैरिएंट्स से बचने के लिए अपडेटेड वैक्सीन जरूरी है.

कैसी है ये वैक्सीन?

  • यूके की मेडिसिन एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी (MHRA) ने मॉडर्ना की वैक्सीन के इस्तेमाल को मंजूरी दी है. ये वैक्सीन 18 साल से ऊपर के लोगों को बूस्टर डोज के तौर पर दी जाएगी.
  • इस वैक्सीन को बायवालेंट (Bivalent) नाम दिया गया है. बायवालेंट का मतलब ही यही होता है कि ऐसी वैक्सीन जो दो अलग-अलग वायरस या एंटीजन्स पर असरदार हो.
  • MHRA ने बताया कि बूस्टर वैक्सीन की खुराक 50 माइक्रोग्राम्स की होगी. इसका 25 माइक्रोग्राम वायरस के मूल स्ट्रेन और 25 माइक्रोग्राम ओमिक्रॉन को टारगेट करता है.
  • MHRA प्रमुख डॉ. जून रेन ने बताया कि क्लिनिकल ट्रायल में ये वैक्सीन ओमिक्रॉन के BA.1 के साथ-साथ ओरिजिनल स्ट्रेन पर भी असरदार साबित हुई है.

बाकी वैक्सीन से कितनी खास?

  • अभी दुनिया में कोरोना के खिलाफ कई वैक्सीन आ गई हैं. ये वैक्सीन अभी कोरोना के ओरिजिनल स्ट्रेन को ही टारगेट करती हैं.
  • लेकिन 2020 के बाद से कोरोना के अब तक कई सारे वैरिएंट्स सामने आ चुके हैं. इनमें ओमिक्रॉन सबसे ज्यादा संक्रामक माना जाता है.
  • पिछले साल नवंबर में साउथ अफ्रीका में ओमिक्रॉन वैरिएंट मिला था. इसके बाद भारत समेत दुनिया के कई देशों में कोरोना की नई लहर शुरू हो गई थी.
  • इसलिए मॉडर्ना ने अपनी वैक्सीन को अपडेट किया है. कंपनी का दावा है कि उसकी वैक्सीन ओमिक्रॉन के वैरिएंट ऑफ कंसर्न BA.1 पर असरदार रही है. साथ ही ओरिजिनल स्ट्रेन को भी टारगेट करती है. जबकि, अभी जो वैक्सीन हैं, वो सिर्फ ओरिजिनल स्ट्रेन को ही टारगेट करती हैं.

कितनी सेफ है वैक्सीन?

  • पिछले साल फरवरी में मॉडर्ना ने अपनी वैक्सीन को अपडेट करने की जानकारी दी थी. इस साल जून में इसके ट्रायल पूरे हो गए थे. इस वैक्सीन का ट्रायल 800 लोगों पर किया गया था.
  • कंपनी के मुताबिक, ट्रायल के दौरान लोगों को वैक्सीन की 50 माइक्रोग्राम की डोज बूस्टर के तौर पर दी गई थी. ट्रायल में शामिल लोगों में ओमिक्रॉन के खिलाफ 8 गुना ज्यादा इम्युनिटी देखी गई थी.
  • जून में अमेरिका की वंडरबिल्ट यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर में इन्फेक्शियस डिसीज एक्सपर्ट डॉ. विलियम शैफनर ने बताया था कि वैक्सीन का ट्रायल डेटा सकारात्मक और भरोसेमंदर है.
  • कंपनी ने अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) से भी वैक्सीन के इस्तेमाल की अनुमति मांगी है. लेकिन अभी तक FDA ने इसे एप्रूवल नहीं दिया है.

क्या भारत में आएगी ये वैक्सीन?
केंद्र सरकार ने पिछले साल जून में मॉडर्ना की वैक्सीन को भारत में इस्तेमाल की मंजूरी दी थी. सरकार ने भारतीय फार्मा कंपनी सिप्ला को वैक्सीन को इम्पोर्ट करने का लाइसेंस दिया था. लेकिन अभी तक मॉडर्ना भारतीय बाजार में नहीं आई है. भारत में बूस्टर डोज लगाई जाने लगी है. लेकिन इस बारे में अभी कुछ कहा नहीं जा सकता कि ये वैक्सीन भारत में आएगी या नहीं.

 

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