जबलपुर

सुप्रीम कोर्ट कालेजियम की अनुशंसा पर फिलहाल MP हाई कोर्ट में जजों की नियुक्ति पर नहीं लगी मुहर

जबलपुर
सुप्रीम कोर्ट कालेजियम की अनुशंसा पर फिलहाल मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में जजों की नियुक्ति पर मुहर नहीं लगी है। पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट कालेजियम की ओर से जिन नामों की अनुशंसा की गई थी, उनमें मध्य प्रदेश के वकीलों व न्यायिक अधिकारियों के नाम भी शुमार थे, किंतु इस सिलसिले में अब तक निर्णय प्रतीक्षित है। जबलपुर के जिन दो वकीलों के नाम इस सिलसिले में चर्चा में थे, उनमें से एक पुरुष व एक महिला का नाम था। उम्मीद की जा रही थी कि दोनों के नाम फाइनल हो जाएंगे, लेकिन अब तक इस बारे में फाइल विचाराधीन की श्रेणी में है।

उल्लेखनीय है कि सरकार इस वर्ष अब तक सुप्रीम कोर्ट कालेजियम की अनुशंसा पर देश के विभिन्न हाई कोर्ट में 130 नये जज नियुक्त कर चुकी है। जबकि कोविड संकट के दौर में 120 जज नियुक्त हुए थे। वर्तमान में 250 के लगभग नाम भेजे गए थे। लेकिन उनमें से फिलहाल महज 37 नामों को मंजूरी मिल है। इनमें से सर्वाधिक 11 जज पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट के लिए मंजूर किए गए हैं। जबकि 26 जजों का संबंध इलाहाबाद, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक व गुवाहाटी से है।

विधि विशेषज्ञों का कहना है कि मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में चार लाख से अधिक लंबित मामलों का बोझ है। ऐसे में जज बढ़ाए जाने चाहिए। देश के हाई कोर्ट में 59 लाख से अधिक मामलों का बोझ है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट की अनुशंसा के अनुरूप मध्य प्रदेश सहित उन सभी हाई कोर्ट को नये जजों की सौगात मिलनी चाहिए, जिनमें निर्धारित पदों से कम जज हैं। रिक्त पद भरे जाने के अलवा नये पद भी सृजित होने चाहिए।

हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय वर्मा व सचिव परितोष त्रिवेदी ने उम्मीद जताई है कि शीघ्र ही सुप्रीम कोर्ट की अनुशंसा के अनुरूप मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में नये जज नियुक्त किए जाएंगे। इनमें वे दो नाम भी शामिल होंगे, जो लंबे समय से चर्चा में हैं।

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