राजनीति

BJP में अब विधानसभा चुनाव की गूंज, बाहरी नेताओं की ‘शिक्षा-दीक्षा’ सितंबर से!

भोपाल
मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी  सत्ता संगठन की मेकअप वर्किंग कर रही है। इसमें दूसरे दलों से आने वाले नेताओं और कार्यकर्ताओं के लिए सितंबर से बड़े पैमाने पर शिक्षण प्रशिक्षण शिविर प्रस्तावित हैं।  वहीं संगठन को अपने स्तर पर मजबूत करने की दिशा में भी व्यवस्था परिवर्तन किया जा रहा है। जिसके तहत संगठन अपनी बैठकों को अपने स्तर पर आयोजित करेगा इसमें सत्ता की मदद नहीं ली जाएगी।

नगर निकाय और पंचायत चुनावों के बाद बीजेपी में अब विधानसभा चुनाव की गूंज सुनाई दे रही है। भाजपा में संगठन स्तर पर पार्टी की मजबूती के लिए कुछ कठोर फैसले लेकर उन पर अमल के लिए रणनीति बनाई जा रही है। प्रदेश संगठन ने तय किया है कि पार्टी में जो नेता बाहर से आए हैं, उन्हें अलग से टेÑनिंग दी जाएगी। इसके लिए पार्टी एक अलग पाठ्यक्रम तय करेगी। इसके अलावा अब प्रदेश भर में होने वाली संगठनात्मक बैठकों के लिए सत्ता का सहयोग नहीं लिया जाएगा। संगठन अपने स्तर पर सभी व्यवस्थाएं करेगा।  विधानसभा चुनाव में 51 प्रतिशत वोट शेयर बीजेपी के पक्ष में करने की रणनीति पर फोकस करने वाले प्रदेश भाजपा संगठन ने अब संगठन के पदाधिकारियों के कामकाज में और कसावट के साथ उन्हें कार्यकर्ताओं से सीधे समन्वय बनाने और फैसले लेने पर जोर दे रही है।

सातों मोर्चों का प्रशिक्षण
भाजपा के सभी सातों मोर्चों के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को सितम्बर में सात संभागीय मुख्यालयों में प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। इसमें भाजपा अजा, अजजा, महिला मोर्चा के अलावा युवा मोर्चा, अल्पसंख्यक मोर्चा, पिछड़ा वर्ग मोर्चा समेत अन्य सभी को टेÑनिंग देकर पार्टी की आगामी रणनीति के बारे में जानकारी दी जाएगी। इन्हें भी बताया जाएगा कि संगठन के काम के लिए सत्ता का सहयोग नहीं लेना है और कैसे यह सहयोग लिए बगैर बैठकें और कार्यक्रम संचालित किए जा सकते हैं।

चक्रीय प्रवास करेंगे प्रदेश पदाधिकारी
भाजपा के प्रदेश पदाधिकारियों की जिम्मेदारियों में संगठन ने और भी बढ़ोतरी करने का निर्णय लिया है। अब तक ये पदाधिकारी अपने प्रभार के जिले और संभागों में ही प्रवास करते रहे हैं और बैठकों व संवाद के जरिये जिलों, मंडलों की रिपोर्ट संगठन को देते रहे हैं लेकिन अब इनका प्रवास प्रदेश भर में चक्रीय क्रम में होगा यानी एक पदाधिकारी दूसरे पदाधिकारी के लिए तय प्रभार के जिलों में प्रवास करेगा और संगठन को रिपोर्ट देगा। यह व्यवस्था भी सितम्बर से शुरू होने वाली है।

जिला अध्यक्षों से मांगी दूसरी पार्टियों से आने वालों की जानकारी
सभी जिला अध्यक्षों से कहा गया है कि उन्हें काम मिला है तो अच्छे से करें और पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं के बीच में काम बांटें लेकिन जो जिम्मेदारी सौंपी गई है, उसे पूरी करना जरूरी है। संगठन ने यह भी कहा है कि पार्टी के कार्यक्रमों और बैठकों को लेकर सत्ता से सहयोग नहीं लिया जाना है। यह काम संगठन को अपने स्तर पर करना है। इसका भी ध्यान रखा जाए और ऐसे मामलों में शिकायतों की स्थिति नहीं बनने पाए। संगठन ने साथ ही कहा है कि जिला अध्यक्ष इसी माह यह भी बताएंगे कि किस जिले में बाहर से यानी दूसरे दलों से कौन से नेता पार्टी में आए हैं। इन नेताओं को पार्टी अलग से कार्यक्रम तय कर प्रशिक्षण देगी। इनके प्रशिक्षण के लिए अलग से पाठ्यक्रम तय किया जाएगा। इस प्रशिक्षण के तहत बाहर से पार्टी में आने वाले नेताओं को पार्टी की रीति-नीति के साथ विचारधारा से परिचत कराया जाएगा।

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