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40 की उम्र के बाद सख्त होने लगती हैं दिल की मांसपेशियां

बढ़ती उम्र का शरीर पर सबसे अधिक असर त्वचा, सेहत और क्षमता पर पड़ता है। अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट आॅफ हेल्थ के मुताबिक, 30 की उम्र के बाद शरीर और मस्तिष्क दोनों में बदलाव होने लगते हैं। इसके बाद जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है शरीर तुलनात्मक रूप से कमजोर होने लगता है।

कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होने लगती हैं। इनमें हड्डियों में कमजोरी, टेस्टोस्टेरोन के स्तर और मेटाबॉलिज्म की कमी प्रमुख है। हृदय की कमजोरी और मोटापा भी बढ़ता है। बढ़ती उम्र का असर शरीर के लगभग सभी अंगों पर पड़ता है। 50 और 60 की उम्र में शरीर और मस्तिष्क पर इसका असर साफ दिखाई देने लगता है।

कैलोरी बर्न करने की क्षमता 10 से 30% तक घट जाती है
आराम की अवस्था में बर्न होने वाली कैलोरी को रेस्टिंग मेटाबॉलिक रेट कहते हैं। काम करने से बर्न होने वाली कैलोरी को नॉन एक्सरसाइज एक्टिविटी थमोर्जेनेसिस कहा जाता है। इसके अलावा थर्मिक इफेक्ट आॅफ फूड एवं एक्सरसाइज को मिलाकर मेटाबॉलिज्म बनता है। उम्र के साथ इनसे बर्न होने वाली कैलोरी 30% तक कम होने लगती है। मांसपेशियों के सेल्स ऊर्जा के लिए कैलोरी बर्न करते हैं। ऐसे में डिनर के बाद 15 मिनट की वॉक फायदेमंद होती है।

ब्लड फ्लो घटता है, न्यूरॉन्स के बीच कनेक्शन में कमी आती है
40 के बाद मस्तिष्क का वजन हर 10 साल में लगभग 5% तक घटने लगता है। 60 की उम्र तक मस्तिष्क के सिकुड़ने की प्रक्रिया अधिक तेज हो जाती है। न्यूरॉन्स के बीच कनेक्शन में कमी आने लगती है। नए नाम याद करने, शब्द रिकॉल करने में दिक्कत आती है। इससे बचने के लिए हॉबी जरूर अपनाएं। मेलजोल अच्छा रखें। ये हमारी याददाश्त और मूड को बेहतर करते हैं। दिमाग को चुनौती देने वाले काम जैसे कि पहेलियां हल करना, बोर्ड गेम, इंस्ट्रूमेंट बजाना आदि सीखें।

दिल की ब्लड पंप करने की क्षमता घटती
40 की उम्र के बाद हृदय की मांसपेशियां सख्त होने लगती हैं। धमनियों में कोलेस्ट्रॉल एकत्रित होने लगता और वे सख्त हो जाती हैं। कई लोगों में हृदय की धड़कन 60 बीट प्रति मिनट (सामान्य 60 से 100 के बीच) से कम हो जाती है।

हृदय 25 साल की उम्र में लगभग 2.40 लीटर ब्लड पंप करता है जबकि 40 की उम्र में यह घटकर 2 लीटर तक पहुंच जाता है।
क्या करें : रनिंग और साइकिलिंग जैसी एक्सरसाइज हदय की धड़कनों को बढ़ाती हैं, इससे हृदय रक्त को तेजी से पंप करता है। सप्ताह में तीन से चार दिन 30 मिनट ये एक्सरसाइज जरूर करें।
 

50 की उम्र के बाद हड्डियां : उम्र के साथ टिश्यू का बनना कम होता जाता है, ये टूटते ज्यादा हैं
हड्डियां लिविंग टिश्यू हैं। ये रोज टूटते और बनते हैं, लेकिन जब हम 50 की उम्र के नजदीक पहुंचते हैं तो इनका टूटना तेज हो जाता है जबकि बनना कम होने लगता है। महिलाओं में यह स्थिति हार्मोन एस्ट्रोजन की कमी के कारण पहले होने लगती है।
क्या करें : वजन उठाने वाली एक्सरसाइज हड्डियों के लिए अच्छी होती हैं। सप्ताह में तीन से चार दिन 30 मिनट वेट लिफ्टिंग, वॉक, जॉगिंग करें।

65 की उम्र के बाद इम्युनिटी : 65 की उम्र के बाद घटने लगती हैं शरीर को सुरक्षा देने वाली टी सेल्स
शरीर की संपूर्ण सुरक्षा प्रणाली में उम्र बढ़ने के साथ धीरे-धीरे कमी आती है। हालांकि एक उम्र तक शरीर मेमोरी टी सेल्स (इन्हें व्हाइट ब्लड सेल्स भी कहते हैं) को स्टोर करता रहता है, जो कि पूर्व में हुए वायरस या बैक्टीरिया के संक्रमण से शरीर को बचाता है, लेकिन 65 के बाद शरीर में इन टी-सेल्स की कमी होने लगती है।
क्या करें : हार्वर्ड के अनुसार माइक्रो न्यूट्रिएंट्स इम्युनिटी बढ़ाने में सहायक हैं। फल, सब्जियों और नट्स में भरपूर माइक्रोन्यूट्रिएंट होते हैं।

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