उत्तरप्रदेश

श्रीरामलीला कमेटी मंदिर डकैती के आरोपों से बरी, दर्ज मुकदमे में जांच अभी जारी

आगरा
 
आगरा में 10 साल पुराने श्रीराम लीला कमेटी बारहदरी के डकैती प्रकरण में गुरुवार को तीनों आरोपी बरी हो गए। मामले में एडीजे-11 नीरज बख्शी ने फैसला सुनाते हुए तीनों आरोपियों को बरी करने के आदेश किए हैं। प्रकरण में आठ लोग आरोपी थे। इनमें से पांच का निधन हो चुका है। मनकामेश्वर मंदिर स्थित बारहदरी के विवाद में 2013 में मठ प्रशासक हरिहर पुरी ने आठ लोगों पर डकैती का मुकदमा दर्ज कराया था। वहीं बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता और आगरा बार एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. हरिदत्त शर्मा ने जिरह करते हुए कहा , बारहदरी सार्वजिनक स्थल है। यहां कार्य का कोई पैसा नहीं लिया जाता है। मठ प्रशासक बारहदरी के कुछ हिस्से में कब्जा करना चाहते थे। इसको लेकर प्रबुद्धजनों ने बैठक की थी। आरोपियों ने कोई डकैती नहीं डाली थी। गुरुवार को एडीजे-11 निखिल बख्शी ने तीनों आरोपी संजय तिवारी, बसंत कांत शर्मा और राम आशीष शर्मा को बरी करने के आदेश किए। शेष पांच आरोपी पूर्व विधायक जगन प्रसाद गर्ग, राम प्रकाश शर्मा, राम सुरेश शर्मा, राम मित्र शर्मा, निखिल शर्मा का निधन हो चुका है।
 

रामलीला कमेटी पर दर्ज मुकदमे में जांच अभी जारी
मन कामेश्वर मंदिर और रामलीला कमेटी के बीच बारहदरी प्रांगण के विवाद में एक और मुकदमा हुआ था। वर्ष 2021 में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया गया था। मुकदमे में रामलीला कमेटी के तत्कालीन महामंत्री सहित चार को आरोपित किया गया था। यह मुकदमा अभी लंबित है। एक बार चार्जशीट लग गई थी। अग्रिम विवेचना के आदेश हुए थे। विवेचना अभी लंबित है। मंटोला थाने में दर्ज मुकदमे में मंदिर परिसर में स्थित दालान परिसर को फर्जी कागजात के जरिए कब्जाने का आरोप लगाया गया था। मंदिर स्थित दालान परिसर को फर्जी कागजात से कब्जाने का प्रयास करने वाले रामलीला कमेटी के महामंत्री श्रीभगवान अग्रवाल सहित चार लोगों के विरूद्ध थाना मंटोला में धारा 406, 420, 467, 468, 471, 323, 504, 506 के तहत मुकदमा दर्ज किया है।

यह मुकदमा तत्कालीन एसपी सिटी रोहन बोत्र प्रमोद की जांच के बाद दर्ज हुआ था। इस संबंध में मठ प्रशासक हरिहर पुरी ने एडीजी जोन को प्रार्थना पत्र दिया था। उन्होंने जांच के आदेश दिए थे। मुकदमे में श्रीभगवान अग्रवाल, राजीव अग्रवाल, अतुल बंसल, योगेश को आरोपित किया गया था। इंस्पेक्टर मंटोला आलोक कुमार ने बताया कि विवेचक ने पूर्व में सभी धाराओं का लोप करते हुए धारा 448 में चार्जशीट लगाई थी। वादी पक्ष ने इस पर आपत्ति दाखिल की थी।

उनके प्रार्थना पत्र पर पूर्व में अग्रिम विवेचना के आदेश हुए थे। विवेचना लंबित है। मुकदमे में नामजद एक आरोपित श्रीभगवान अग्रवाल की वर्ष 2022 में मृत्यु हो गई थी। मुकदमे में अब तीन आरोपित हैं। विवेचक द्वारा साक्ष्य संकलन किया जा रहा है। श्री मनकामेश्वर मंदिर मठ, प्रशासक, हरिहर पुरी ने कहा कि अभी कोर्ट का निर्णय मैंने पढ़ा नहीं है। बाकी बाबा की जो इच्छा होगी, उसी के अनुसार सब होगा। निर्णय पढ़कर, समझकर अग्रिम कार्रवाई करेंगे।

 

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