सांची यूनिवर्सिटी: एप्लीकेंट ने अपने आवेदन की स्कू्रटनी कर खुद को किया सिलेक्ट
भोपाल
सांची बौद्ध विश्वविद्यालय में अपने चहेतों को नियुक्त करने कुलपति और रजिस्ट्रार ने सभी नियम ताक पर रख दिए हैं। इसकी जानकारी शासन को होने के बाद भी नियुक्तियों पर रोक नहीं लगाई जा रही है। इसके चलते भर्तियों में धांधली बरती जा रही है।
जिसके दस्तावेज सही थे उसकी जारी नहीं हुई एनओसी
सांची विवि में अमरजीत कुमार ग्राफिक्स डिजाइनर के तौर पर कार्यरत हैं। उन्होंने असिस्टेंट प्रोफेसर के पद के लिए आवेदन जमा किया है। इसके बाद भी उन्हें स्थापना का प्रभारी नियुक्त किया गया। यहां तक उनसे भर्ती के लिए आवेदनों की स्कू्रटनी कराई गई है। इसके चलते उन्होंने अपने आवेदन में कोई खामी नहीं निकाली और साक्षात्कार के लिए अपना नाम का चयन भी कर लिया है। वहीं, दूसरी तरफ हिंदी में प्रोफेसर के लिए उम्मीदवारी कर रहे राहुल सिद्धार्थ के सभी दस्तावेज सही होने के बाद भी एनओसी जारी नहीं की गई।
12 जून को होगी सुनवाई
सांची विवि की भर्ती में हो रही धांधली पर हाईकोर्ट कई याचिकाएं दायर हो चुकी हैं। विवि में धांधली पर कोर्ट स्टे नहीं दे, जिसके लिए विवि ने केविएट तक कर रखी है। हाईकोर्ट ने 12 जून को सुनवाई रखी है। विवि सुनवाई के पहले नियुक्ति आदेश जारी करने की तैयारी कर रहा है।
एक-एक आवेदक ही बुलाए
सांची विवि को 83 पदों पर भर्ती करना है। इसके लिए विवि को करीब 250 आवेदन मिले हैं। स्क्रूटनी कमेटी ने कई आवेदनों को बिना देखे ही निरस्त कर दिए हैं। उन्होंने अपने उम्मीदवारों को नियुक्त करने के लिए साक्षात्कार के लिए बुलाया है। जबकि सामान्य प्रशासन का नियम कहता है कि एक पद के विरुद्ध कम से कम तीन उम्मीदवार होना चाहिए। ऐसे में पद के विरुद्ध नियुक्ति वैध नहीं मानी जाएगी।
गुजरात विश्वविद्यालय से बुलाए कर्मचारी
कुलपति नीरजा ए. गुप्ता ने स्कू्रटनी कार्य के लिए विवि के कर्मचारी और अधिकारियों को शामिल नहीं किया है। उन्होंने विवि से स्कू्रटनी करने के लिए अमरजीत और गुजरात विवि के सेवानिवृत्त बलदेव पटेल को शामिल किया है। जबकि स्क्रूटनी में अपने विवि के कर्मचारियों और अधिकारियों को रखने का नियम है।