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17 साल बाद बिहार पर समय से पहले मॉनसून हुआ मेहरबान, इन जिलों में रहेगा सक्रिय

बिहार
बिहार में समय से पहले ही मानसून की एंट्री हो गई है। मौसम विभाग के अनुसार 13 जून से मानसून के आने की संभावना जताई गई थी। लेकिन 1 दिन पहले सोमवार को ही मानसून की बारिश राज्य में शुरू हो गई। इससे पहले साल 2006 में समय से पहले मानसून ने दस्तक दी थी। लगभग 17 साल बाद फिर से मानसून एडवांस में बिहार पर मेहरबान हुआ है। पटना समेत कई जिलों में बारिश हुई जिससे राज्य के 24 शहरों का तापमान कम हो गया है। लोगों को हीटवेव और झुलसा देने वाली गर्मी से थोड़ी राहत मिली है।

सोमवार को पूर्णिया और किशनगंज के रास्ते बिहार में मानसून दाखिल हुआ। मानसून का करंट इन जिलों में देखा गया। इससे पहले पूर्णिया में रविवार की रात जोरदार बारिश हुई। कुल मिलाकर पूर्णिया में 105 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई। मौसम विज्ञानियों से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश में मानसून की सक्रियता अभी रहेगी। अगले 24 घंटों में राज्य के पूर्णिया,भागलपुर, मधुबनी, किशनगंज, सुपौल, अररिया, भागलपुर जिलों में बारिश होगी। यहां वज्रपात और मेघ गर्जन की भी संभावना जताई गई है।

 मानसून की सक्रियता से वातावरण में नमी रहेगी। पश्चिमी हवा का असर होने के कारण अधिकतम तापमान 30 से 40 डिग्री के बीच रहने का अनुमान लगाया गया है। मानसून का प्रभाव अभी कटिहार, किशनगंज, पूर्णिया, अररिया, भागलपुर जिला में ज्यादा देखा जा रहा है। सीमांचल के जिलों में इस प्रभाव से झमाझम बारिश हुई। भागलपुर पूर्णिया में मूसलाधार बारिश हुई। पटना में भी रविवार की रात को लगभग 15 मिनट तक जोरदार बारिश हुई। शहर में 7 मिलीमीटर दो आसपास के इलाकों में 10 मिली मीटर बारिश  रिकॉर्ड की गई। इससे तापमान में 4 डिग्री तक गिरावट दर्ज की गई।

मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक दक्षिण पश्चिम मानसून  मालदा और पाकिस्तान से होकर गुजरा। पूर्वी उत्तर प्रदेश और आसपास के इलाकों में इसका प्रभाव देखा जा रहा है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि निकले इलाकों में जलजमाव की संभावना है। किसान भाइयों को खेती कार्य में सजग रहने की आवश्यकता है। मानसून प्रभावित इलाकों में यातायात और बिजली बाधित हो सकती है। इसके लिए लोग तैयार रहें।

 

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