ब्याज माफी से किसानों के साथ सहकारी समितियों को भी होगा लाभ – सांसद
किसानों को खेती की नई तकनीक तथा प्राकृतिक खेती से जोड़ने के प्रयास करें – कलेक्टर
रीवा
रीवा में कृषि विज्ञान केन्द्र में किसान सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन में केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तथा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वर्चुअल माध्यम से राजगढ़ से शामिल होकर किसानों के खाते में सिंगल क्लिक से राशि जारी की। रीवा जिले के 28730 किसानों को फसल बीमा की वर्ष 2021-22 की 15 करोड़ 88 लाख 16 हजार 770 रुपए की राशि उनके बैंक खाते में प्राप्त हुई। जिले के 15877 किसानों को मुख्यमंत्री कृषक ब्याज ऋण माफी योजना से 22 करोड़ 35 लाख रुपए की ब्याज की राशि माफ करके इन किसानों तथा सहकारी समितियों को लाभान्वित किया गया।
समारोह में जिले के दो लाख 21 हजार 271 किसानों को किसान सम्मान निधि की 148 करोड़ 14 लाख रुपए की राशि प्राप्त हुई। प्रत्येक किसान को दो हजार रुपए की राशि उनके बैंक खाते में प्रदान की गई। सम्मेलन में केन्द्रीय रक्षा मंत्री तथा मुख्यमंत्री चौहान के उद्बोधन का सजीव प्रसारण दिखाया गया।
कृषि विज्ञान केन्द्र में आयोजित सम्मेलन का शुभारंभ मुख्य अतिथि सांसद जनार्दन मिश्र ने किया। इस अवसर पर मिश्र ने कहा कि आज का दिन जिले के किसानों के लिए खुशखबरी और उत्सव का दिन है। प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री ने किसानों के बैंक खाते में किसान सम्मान निधि की राशि जारी की है। मुख्यमंत्री कृषक ऋण ब्याज माफी से भी हजारों किसानों के सर से कर्ज का बोझ हटा है। इस ब्याज माफी से किसानों के साथ-साथ सभी सहकारी समितियों को भी लाभ होगा। इन समितियों में राशि उपलब्ध हो जाने से लेन-देन शुरू हो जाएगा।
फसल बीमा से भी हजारों किसान लाभान्वित हुए हैं। सभी किसान अपनी फसल का बीमा अवश्य कराएं। किसी भी तरह की आपदा से नुकसान होने पर किसान को फसल बीमा की राशि मिलेगी। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी तथा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं। हाल ही में धान, मक्का, सोयाबीन, उड़द, मूंग, अरहर के समर्थन मूल्य में वृद्धि की गई है।
सांसद ने कहा कि आधुनिक खेती के साथ-साथ प्राकृतिक खेती की आवश्यकता है। हमारी पुरानी खेती की परंपरा में सब्जी, फल, पशुपालन, मछलीपालन जैसे व्यवसाय खेती के साथ शामिल रहते थे। हर गांव में तीन-चार महीने तक किसानों को महुआ और आम खाने को मिलता था। मोटा अनाज बड़े पैमाने पर होता था, जिसकी पौष्टिकता से शरीर मजबूत और निरोगी रहता था। हमें फिर से किसानों को कोदौ, मक्का, ज्वार जैसे मोटे अनाजों की खेती के लिए प्रेरित करना है।
रीवा ही नहीं पूरे विन्ध्य क्षेत्र में बाणसागर बांध की नहरें खेती के लिए वरदान साबित हुई हैं। इसके लिए सभी किसानों को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रति आभार व्यक्त करना चाहिए। सम्मेलन में जिला पंचायत उपाध्यक्ष प्रणव प्रताप सिंह तथा जिला पंचायत की कृषि समिति के सभापति योगेन्द्र प्रताप सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
सम्मेलन में कलेक्टर श्रीमती प्रतिभा ने कहा कि रीवा जिले में धान और गेंहू का विपुल उत्पादन होता है। उद्यानिकी फसलें भी यहाँ बहुतायत से ली जा रही हैं। किसानों को खेती की आधुनिक तकनीक तथा प्राकृतिक खेती से जोड़ने के प्रयास करें। आधुनिक तकनीक अपनाने के लिए किसानों को पूंजी की आवश्यकता होगी। ऋण ब्याज माफी से सहकारी समितियों को 89 करोड़ रुपए का लाभ हुआ है। इससे किसानों को पर्याप्त मात्रा में ऋण मिल सकेगा।
व्यावसायिक बैंकों को भी कृषि क्षेत्र के ऋण प्रकरणों को उदारता से मंजूरी देने के निर्देश दिए गए हैं। किसानों की मेहनत तथा बैंकों और सहकारी समितियों के सहयोग से रीवा की खेती को उन्नत बनाया जाएगा। सम्मेलन में कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ अखिलेश पटेल, डॉ संजय सिंह तथा उप संचालक कृषि यूपी बागरी ने जैविक खेती, कृषि के विविधीकरण, मिलेट मिशन के तहत मोटे अनाजों की खेती के संबंध में किसानों को विस्तार से जानकारी दी।
सम्मेलन में जिला पंचायत की जल संसाधन समिति की सभापति अनीता सिंह, अनुविभागीय अधिकारी कृषि बीपी सिंह, महाप्रबंधक जिला सहकारी बैंक ज्ञानेन्द्र पाण्डेय तथा बड़ी संख्या में किसान शामिल रहे।