छत्तीसगढ़

झूठी रिपोर्ट पर एससीएसटी एक्ट के तहत अपराध दर्ज, गृह मंत्री से मिले पत्रकार

रायपुर

समाचार प्रकाशन से हुई कार्रवाही से निलंबित आरोपी द्वारा झूठी शिकायत किए जाने पर पुलिस द्वारा एक पत्रकार के खिलाफ रिपोर्ट ही दर्ज नहीं किया गया बल्कि एससी-एसटी एक्ट के तहत अपराध दर्ज कर लिया गया। जिससे नाराज पत्रकारों ने गुरुवार को राजधानी में स्टेट वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन के बैनर पर गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू से मिलकर पूरी वस्तुस्थिति से अवगत कराते हुए ज्ञापन सौंपा। श्री साहू ने तत्काल गौरेला पेंड्रा मरवाही के एसपी से बात की और कहा कि जांच पूरी तरह निष्पक्ष हो,स्टेट वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन के प्रतिनिधिमंडल कल आपसे मुलाकात करेंगे और उनका पक्ष सुनकर आगे की कार्यवाही सुनिश्चित करेंगे।

स्टेट वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष पीसी रथ, महासचिव विरेन्द्र शर्मा, संगठन सचिव सुधीर आजाद तंबोली के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल द्वारा गृहमंत्री को सौंपे गए पत्र में अवगत कराया गया कि प्रदेश में समाचारों के प्रकाशन तथा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बनाए रखना हमारे लोकतान्त्रिक, संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए भी जरूरी है और प्रदेश में पारदर्शी प्रशासन कायम रखने के लिए भी इनका सर्वकालिक महत्व है, प्रदेश के नए जिले गौरेला पेण्ड्रा मरवाही से इस पर आघात करती एक शिकायत प्राप्त हुई है जिसमें सच्ची खबर के प्रकाशन के बाद पत्रकार को झूठी रिपोर्ट दर्ज करके प्रताड़ित किया जा रहा है।

इंडियन जर्नलिस्ट्स यूनियन से संबद्ध छत्तीसगढ़  स्टेट वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन, छत्तीसगढ़ प्रदेश के पत्रकार सुशांत गौतम, गौरेला – पेण्ड्रा – मरवाही (जीपीएम जिला) पर समाचार प्रकाशन पश्चात निलंबित कर्मचारी के दुर्भावना पूर्वक झूठी रिपोर्ट पर एस सी एस टी एक्ट की तहत अपराध दर्ज होने की निंदा करता है। इस मामले में पत्रकार सुशांत गौतम द्वारा यूनियन को दी गई जानकारी के मुताबिक ये पूरा मामला 2 जनवरी 2023 को अखबार में नेचर कैम्प घोटाले के सम्बंध में समाचार का प्रकाशन किया गया था, जिसके बाद बिलासपुर द्वारा त्रिस्तरीय जांच दल का गठन किया गया जिसमे अखबार में छपे घोटाले की बात सिद्ध एवं सत्य पाई गई फलस्वरूप मामले में 8 अधिकारी कर्मचारियों पर निलबंन की अनुशंसा की गई थी।

वहीं इस वित्तीय अनियमितता के आरोप में शामिल सुनील चौधरी जो कि मामले में निलबिंत किए गए हैं, उनके द्वारा खबर प्रकाशन के एक दिन बाद 3/1/2023 को दुर्भावना एवं बदला लेने की नीयत से सुशांत गौतम पर झूठी शिकायत मरवाही थाने में की गई, शिकायत में घटना दिनांक 31/12/2022 का उल्लेख किया गया था जिसमें वास्तविकता एवं सत्य कि सुशांत गौतम उक्त दिनांक को मरवाही गया ही नही था, वही मामले पांच माह बाद षड्यंत्र पूर्वक सुशांत गौतम पर 9/5/2023 व एससी-एसटी एक्ट के तहत अपराध दर्ज किया गया है जो कि पूरी तर झूठा और बेबुनियाद है। उक्त मामले में यदि प्रकरण विधि अनुसार दर्ज हो जाने के पश्चात, जांच जरूरी भी हो, तो जिले के बाहर उच्च अधिकारियों द्वारा निष्पक्ष जांच शीघ्र कराई जावे ताकि सच्चाई सामने आ सके और इस तरह से एससी-एसटी कानूनों का दुरुपयोग न हो।

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