उद्यमिता के माध्यम से महिलाएं परिवार को करें सशक्त : मंत्री लखमा
रायपुर
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) से जुड़ी बस्तर जिले की 1182 महिला स्व-सहायता समूहों को बैंक लिंकेज कर शिविर में 28 करोड़ 37 लाख रुपए का ऋण वितरित किया गया। गत दिनों कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उद्योग मंत्री तथा जिले के प्रभारी मंत्री श्री कवासी लखमा ने कहा कि बस्तर में परंपरागत रुप से भण्डारगृह की चाबी महिलाओं के हाथों में ही होती है, क्योंकि महिलाएं अधिक जिम्मेदारी के साथ कार्य करती हैं। महिलाओं की इसी संवेदनशील स्वभाव को देखते हुए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की जिम्मेदारी महिलाओं के हाथों में सौंपी है। गांव-गांव में बने गौठान और ग्रामीण औद्योगिक पार्कों के माध्यम से आजीविकामूलक कार्य कर यह महिलाएं अपने परिवार की आर्थिक स्थिति के साथ ही ग्रामीण और प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का कार्य कर रही हैं।
मंत्री लखमा ने कहा कि पहले ऋण प्राप्त करना कठिन था, किन्तु अब स्व-सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को बहुत ही कम ब्याज पर आसानी से ऋण प्राप्त हो जाता है। पहले बैंकों से ऋण के लिए जमानतदार के साथ ही बहुत सी औपचारिकताएं पूरी करनी पड़ती थी। इससे तंग आकर लोग साहूकारों के पास अपनी संपत्ति गिरवी रखकर महंगे ब्याज दर पर ऋण लेने के लिए मजबूर थे। राज्य सरकार ने महिलाओं पर भरोसा करते हुए आसानी से ऋण उपलब्ध कराया है। स्व-सहायता समूह की महिलाएं ऋण से प्राप्त इस राशि से अपना अच्छा व्यवसाय करें और अपने परिवारों की आर्थिक स्थिति को भी मजबूत करने के लिए काम करें।
मंत्री श्री लखमा ने कहा कि ग्रामीणों को सशक्त करने राज्य सरकार ने उद्यमिता के लिए गौठान और ग्रामीण औद्योगिक पार्क का निर्माण किया है, जहां आवश्यक अधोसंरचनाएं और संसाधन उपलब्ध हैं। उद्यमियों द्वारा तैयार उत्पादों के विक्रय के लिए सी-मार्ट भी स्थापित किए गए हैं। साथ ही समूह की महिलाएं अपने उत्पादों को स्थानीय स्तर पर आश्रम, छात्रावास, आंगनबाड़ी, विद्यालय सहित अन्य शासकीय संस्थाओं में विक्रय कर रहे है।
बस्तर लोकसभा सांसद श्री दीपक बैज ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार ग्रामीणों महिलाओं पारंपरिक व्यवसायों से जोड़कर उनके सशक्तिकरण के लिए बेहतर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता के पास धन रहेगा, तब ही प्रदेश आर्थिक तौर पर मजबूत होगा। स्वसहायता समूह से जुड़ी महिलाओं के हाथों को मजबूत करने का कार्य मुख्यमंत्री श्री बघेल द्वारा किया जा रहा है।
संसदीय सचिव श्री रेखचंद जैन ने कहा कि वर्तमान में बस्तर के लिए सौभाग्य का दिन है कि यहां की महिलाओं को उद्यमिता के लिए 28 करोड़ रुपए की राशि बहुत ही आसानी के साथ प्राप्त हुई है। बस्तर अपने वनोपज और विविध प्रकार के फसलों के लिए जाना जाता है। पहले यह वनोपज और फसल बिचौलियों द्वारा औने-पौने दाम पर खरीद लिया जाता था, वहीं कई बार कम दाम मिलने के कारण यहां के लोग सड़कों में फेंककर चले जाते थे, किन्तु स्वसहायता समूहों के माध्यम से समर्थन मूल्य पर वनोपजों की खरीदी के कारण अब स्थिति बदली है। इससे जहां वनोपज संग्राहकों को अच्छा दाम मिल रहा है, वहीं स्व-सहायता समूह के सदस्यों को रोजगार भी मिल रहा है।