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सरकार का पेट्रोल डीजल में ईथेनॉल के मिश्रण को 14 प्रतिशत से बढ़कर अब 20 प्रतिशत तक करने का लक्ष्य

नई दिल्ली
 सरकार ने कहा है कि पेट्रोल डीजल पर आयात कम करने के लिए जरुरी कदम उठाए जा रहे हैं और पेट्रोल डीजल में इथेनॉल के मिश्रण से आयत पर निर्भरता को कम करने का प्रयास किया जा रहा है।

जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने लोकसभा में एक पूरक प्रश्न के जवाब में यह जानकारी देते हुए बताया कि आयत निर्भरता कम करने और विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ाने की लिए पेट्रोल डीजल में ईथेनॉल के मिश्रण को 14 प्रतिशत से बढ़कर अब 20 प्रतिशत तक करने का लक्ष्य तय झरने पर विचार किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि पेट्रोल में एथेनॉल के मिश्रण से 24000 करोड रुपए की विदेशी मुद्रा की बचत हुई है और इस पैसे का इस्तेमाल सरकार किसानों की स्थिति में सुधार के लिए कर रही है। भविष्य में इस दिशा में और प्रयास किया जा रहे हैं।

हाइड्रोकार्बन ईंधन क्षेत्र में 10 वर्षों में निर्भरता बढ़ने की बात स्वीकार करते हुए उन्होंने कहा कि इस अवधि में हाइड्रोकार्बन ईंधन की खपत बढ़ी है और खपत बढ़ने से इस क्षेत्र में निर्भरता का बढ़ना भी स्वाभाविक था। उनका कहना था की सरकार पर्यावरण मानकों को ध्यान में रखते हुए गैस तथा पेट्रोल का उत्पादन बढ़ा रही है।

इथेनॉल सम्मिश्रण के लाभ:

    हम आमतौर पर जिन ऑटो ईंधन का उपयोग करते हैं, वे मुख्य रूप से जीवाश्मीकरण की धीमी भूवैज्ञानिक प्रक्रिया से प्राप्त होते हैं, यही कारण है कि उन्हें जीवाश्म ईंधन के रूप में भी जाना जाता है। इसकी तुलना में इथेनॉल एक जैव ईंधन है, यानी यह मुख्य रूप से कार्बनिक पदार्थों के प्रसंस्करण से प्राप्त होता है (इसलिए, यह एक जैव ईंधन है)। भारत में, इथेनॉल बड़े पैमाने पर किण्वन प्रक्रिया के माध्यम से गन्ने से प्राप्त किया जाता है।

    चूंकि यह एक संयंत्र-आधारित ईंधन है, इथेनॉल को नवीकरणीय माना जाता है ।
    चूंकि इथेनॉल में ऑक्सीजन की मात्रा अधिक होती है, इसलिए इथेनॉल का उपयोग करने वाले इंजन दहन ईंधन को अधिक अच्छी तरह से मिश्रित करते हैं, जिससे वाहन उत्सर्जन कम हो जाता है। इसलिए, इस प्रक्रिया से देश के कार्बन फ़ुटप्रिंट को कम करने में भी मदद मिलेगी ।

    पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल मिलाने से ऑटो ईंधन आयात बिल में सालाना 4 अरब डॉलर या 30,000 करोड़ रुपये की कमी आ सकती है।

    इथेनॉल मिश्रण का एक अन्य प्रमुख लाभ किसानों को मिलने वाली अतिरिक्त आय है। इथेनॉल गन्ने और खाद्यान्नों से भी प्राप्त होता है। इसलिए, किसान अपनी अतिरिक्त उपज इथेनॉल मिश्रण निर्माताओं को बेचकर अतिरिक्त आय अर्जित कर सकते हैं।

 

 

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