हमारा नारा है, भूलकर भी किसी को ना छेड़ेंगे हम, और छेड़ने पर किसी को ना छोड़ेंगे हम : रामभद्राचार्य
ओरछा
तुलसी पीठ के संस्थापक एवं जगद्गुरु रामभद्राचार्य महाराज मध्य प्रदेश के ओरछा में थे, जहां वे बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की सनातन हिंदू एकता पदयात्रा में शामिल होने आए थे। यहां उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस का पंजा अब खूनी हो गया है। आगे उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रियंका गांधी अभी केरल के वायनाड से जीती हैं। उनके जीतते ही उनके मीडिया प्रभारी ने उनके सम्मान में एक निरीह गाय को गोली मारी।
आगे उन्होंने कहा, 'पहली बार जीतकर आई हैं, तो उन्होंने हमको सौगात दी है। बार-बार जीतते रहेंगे तो क्या होगा, लगता है ना गाय बचेगी ना हिंदू बचेगा। पर हम उनको वचन देते हैं उनका यह मनोरथ हम सफल नहीं होने देंगे। हमारा नारा है, भूलकर भी किसी को ना छेड़ेंगे हम, और छेड़ने पर किसी को ना छोड़ेंगे हम।'
रामभद्राचार्य ने क्यों कही गाय को गोली मारने की बात
दरअसल रामभद्राचार्य जी ने प्रियंका गांधी की जीत पर गाय को गोली मारने वाली जिस घटना का जिक्र किया, वह सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में कही जा रही है। उसमें दावा किया जा रहा है कि केरल कांग्रेस के मीडिया प्रभारी मोहम्मद मुजाहिद इस्लाम ने प्रियंका गांधी की जीत से खुश होकर गाय के सिर में दो बार गोली चलाकर उसकी जान ले ली। हालांकि सच कुछ और ही है। इसी दावे पर भरोसा करते हुए भद्राचार्य जी ने भी गाय को गोली मारने की बात कह दी।
रामभद्राचार्यजी बोले- केरल कांग्रेस के एक नेता ने वायनाड में प्रियंका गांधी की जीत का जश्न मनाने के लिए गाय को सिर में गोली मारकर उसकी जान ले ली।
वायरल वीडियो में क्या है?
वायरल वीडियो में एक शख्स गाय को सिर में गोली मारते हुए नजर आ रहा है। जब गाय बंदूक की पहली गोली से नहीं मरती है तो फिर वह शख्स बड़ी बेरहमी से उसे दूसरी गोली मारकर उसकी जान ले लेता है। वीडियो में गोली लगने पर गाय को तड़पते हुए देखा जा सकता है। इस वीडियो को यह बताकर वायरल किया जा रहा है कि ‘यह बर्बर शख्स केरल कांग्रेस का मीडिया प्रभारी मोहम्मद मुजाहिद इस्लाम है। उसने प्रियंका गांधी की जीत का जश्न मनाने के लिए एक गाय के सिर में गोली मार दी। इस वीडियो को तब तक शेयर करें जब तक यह भारत के गृह मंत्रालय तक न पहुंच जाए और उसे गिरफ्तार न कर लिया जाए।’
फैक्ट चेक में क्या मिला?
जब हमने इस वीडियो की फ्रेम्स को गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च करके देखा तो पता चला कि यह वीडियो कम से कम छह महीने पहले पुराना है, और इसका वायनाड में प्रियंका की जीत से कोई वास्ता नहीं है। और सबसे खास बात यह वीडियो केरल का ना होकर मणिपुर का है।
यह वीडियो मई महीने में भी वायरल हुआ था, और उस वक्त की ज्यादातर पोस्ट्स देखने से पता चलता है कि यह वीडियो मणिपुर में जारी कुकी और मेतई संघर्ष से संबंधित है, तब एक पक्ष के अपराधी ने दूसरे पक्ष को उकसाने के लिए इस तरह गाय की जान ली थी। हमें सुनंदा रॉय नाम के एक्स हैंडल की पोस्ट भी मिली उसने इस वीडियो को 5 मई 2024 को शेयर किया था और बताया था कि ‘एक ईसाई कुकी आतंकवादी ने मणिपुर में हिंदुओं का मजाक उड़ाने के लिए एक गाय के सिर पर दो बार गोली चलाई और उसका वीडियो भी बनाया। कुकी आतंकवादी मैतेई किसानों और डेयरी व्यवसायियों के हजारों मवेशियों की हत्या कर रहे हैं। वे सिर्फ मौज-मस्ती के लिए कानून तोड़ रहे हैं।’ इसके साथ ही इस यूजर ने इस मामले में पेटा इंडिया को भी जागने के लिए कहा था।
5 मई 2024 को सुनंदा रॉय नाम की एक्स यूजर ने इस वीडियो को शेयर करते हुए बताया था कि मणिपुर में जारी हिंसा के बीच कुकी समुदाय के लोग गायों को मार रहे हैं, क्योंकि वो मैतेई समुदाय के लिए पूज्य है।
सुनंदा के इस ट्वीट के बाद पशु-पक्षियों के लिए काम करने वाली संस्था पेटा ने भी इस घटना पर आपत्ति दर्ज कराई थी। 7 मई को इस बारे में किए अपने ट्वीट में पेटा ने लिखा था, 'पेटा इंडिया की टीम मणिपुर पुलिस के साइबर क्राइम सेल के साथ मिलकर अपराध के स्थान के बारे में जानकारी जुटा रही है। एक बार जब यह पता चल जाएगा तो हम संबंधित जिला पुलिस के साथ मिलकर FIR दर्ज करवाएंगे और आवश्यक कार्रवाई करेंगे।'
हालांकि सच सामने आने के बावजूद कुछ लोग सोशल मीडिया पर उस वीडियो को जानबूझकर यही बताते हुए वायरल कर रहे हैं कि यह वायनाड में हुए लोकसभा उपचुनाव में प्रियंका गांधी की जीत के बाद का है। जबकि इसका केरल और प्रियंका गांधी दोनों से दूर दूर तक का कोई वास्ता नहीं है।