देश

G-20 Summit में कड़ी सुरक्षा, छोटे ड्रोन को पकड़ लेंगे रेडियो फ्रीक्वेंसी डिटेक्टर

नईदिल्ली

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जी-20 सम्मेलन की सुरक्षा के लिए सभी सुरक्षा एजेंसियों को समन्वय बनाकर काम करने के सख्त आदेश दिए हैं। गृहमंत्रालय ने सुरक्षा एजेंसियों के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेशन प्रोसीजर (मानक संचालन प्रक्रिया) जारी किया है।

इसके अलावा छोटे व स्लो मूविंग ड्रोन जैसी वस्तुओं को पकड़ने के लिए सम्मेलन के आयोजन स्थल पर पहली बार 14 रेडियो फ्रीक्वेंसी डिटेक्टर (आरएफडी) लगाए गए हैं, जबकि छह जगहों पर रडार सिस्टम लगाया जाएगा।

कंट्रोल एरिया में 45 एंट्री ड्रोन गन लगाई गई हैं। ये ड्रोन को कुछ ही सेकंड में खत्म कर देंगी। इसके अलावा सम्मेलन के कंट्रोल एरिया को रेड जोन घोषित किया गया है। दूसरी तरफ बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स को भी बुलाया गया है। बीएसएफ ड्रोन से कंट्रोल एरिया पर नजर रखेगी।

दिल्ली पुलिस के मुताबिक, गृहमंत्रालय ने सभी एजेंसियों को सख्ती से  एसओपी का पालन करने के आदेश दिए हैं। ड्रोन हमले को रोकने के लिए एंटी ड्रोन सिस्टम तैनात किया जाता है। कंट्रोल एरिया को नो फ्लाई जोन घोषित किया गया है। यहां किसी भी वस्तु को उड़ने की इजाजत नहीं होगी।

15 अगस्त व 26 जनवरी की तर्ज पर मुस्तैदी
15 अगस्त व 26 जनवरी को दिल्ली में देहली इंट्रोग्रेटेड एयर डिफेंस कंट्रोल (डीआईएडीसी) मैकेनिज्म लागू होता है। जी-20 सम्मेलन के दौरान भी सुरक्षा का वही मैकेनिज्म लागू होगा। इसके तहत चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाकर्मी तैनात रहेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *